मेरे परो की क्षमता को,
मापदंडो से ना परखो तुम,
मेरे ख्वाबो की उड़ान को,
मेरे कृत्यों से ना नापो तुम,
मैं पंछी मतवाला हूँ
तुम्हारी परिधि का दास नहीं,
प्रेम परिधि से बंधा हूँ,
पर यह ना समझो मुझे,
मेरी परिधि की पहचान नहीं|
मापदंडो से ना परखो तुम,
मेरे ख्वाबो की उड़ान को,
मेरे कृत्यों से ना नापो तुम,
मैं पंछी मतवाला हूँ
तुम्हारी परिधि का दास नहीं,
प्रेम परिधि से बंधा हूँ,
पर यह ना समझो मुझे,
मेरी परिधि की पहचान नहीं|
अभी खामोश हूँ मैं ,
नहीं कोई हरकत है परो में,
लगता हिम सा शीत अंतर,
बेजान लगते है इरादे मेरे,
देख मुझे ना उपहास करो ,
जग कल्याण की खातिर,
है चिर समाधी धरी मैंने ,
है दिनकर सा ताप मुझमे,
हूँ अनंत का वारिस मैं ,
दिखलाता हूँ नहीं मगर
है मेरी परिधि अनंत से परे|
निर्बलता की मूरत नहीं ,
विनाश का पर्याय हूँ,
थमा निस्वार्थ प्रेम बंधनों से,
नहीं सहस्त्र शस्त्र शक्ति से ,
मेरे शिव को ना ललकारो तुम ,
कहीं तांडव सा विनाश ना हो,
रोको अपने वारो को तुम ,
कहीं टूट ना प्रेम बंधन जाये,
करो सम्मान अपनी परिधि का,
कहीं मेरे पर ले मुझे
मेरी परिधि ना पहुच जाये|
विनाश का पर्याय हूँ,
थमा निस्वार्थ प्रेम बंधनों से,
नहीं सहस्त्र शस्त्र शक्ति से ,
मेरे शिव को ना ललकारो तुम ,
कहीं तांडव सा विनाश ना हो,
रोको अपने वारो को तुम ,
कहीं टूट ना प्रेम बंधन जाये,
करो सम्मान अपनी परिधि का,
कहीं मेरे पर ले मुझे
मेरी परिधि ना पहुच जाये|