आज खबर हमको हुई,
क्या विराम का अर्थ है,
क्या पीछे मुड़ने का महत्व,
कैसे जुड़े है अतीत भविष्य,
खुद ही की बनाई दुनिया में ,
बढ़ते हुए आगे राहों पर,
मंजिल का महज़ आभास है,
भूलते मकसद मंजिल का ,
खो जाता खुद का सपना ,
कितना अजब सफ़र है ये ,
आज हमको खबर हुई,
क्या विराम का अर्थ है।
क्या विराम का अर्थ है,
क्या पीछे मुड़ने का महत्व,
कैसे जुड़े है अतीत भविष्य,
खुद ही की बनाई दुनिया में ,
बढ़ते हुए आगे राहों पर,
मंजिल का महज़ आभास है,
भूलते मकसद मंजिल का ,
खो जाता खुद का सपना ,
कितना अजब सफ़र है ये ,
आज हमको खबर हुई,
क्या विराम का अर्थ है।
ठहराव आलस्य का नहीं,
दर्शन-शास्त्र सा संगी ,
अंधियारे में खोए उसूलो को ,
रोशन करने वाला चिराग है,
आवारा ज़िन्दगी को दिशा ,
लड़खड़ाते कदमो का सहारा,
खुद से पहचान का पड़ाव है ,
है आत्ममंथन, अंत नहीं,
ज़माने की बातों से परे ,
आज हमको खबर हुई,
क्या विराम का अर्थ है।।
बहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन , आभार.
ReplyDeleteकृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊंगा
spelling mistake in the third line last word. Correct it.
ReplyDelete