Wednesday, August 1, 2012

विराम

आज खबर हमको हुई,
क्या विराम का अर्थ है,
क्या पीछे मुड़ने का महत्व,
कैसे जुड़े है अतीत भविष्य,
खुद ही की बनाई दुनिया में ,
बढ़ते हुए आगे राहों पर,
मंजिल का महज़ आभास है,
भूलते मकसद मंजिल का  ,
खो जाता  खुद का सपना ,
कितना अजब सफ़र है ये ,
आज हमको खबर हुई,
क्या विराम का अर्थ है।


ठहराव आलस्य का नहीं,
दर्शन-शास्त्र सा  संगी ,
अंधियारे में खोए  उसूलो को ,
 रोशन करने वाला चिराग  है,
आवारा ज़िन्दगी को  दिशा ,
लड़खड़ाते कदमो का सहारा, 
खुद से पहचान का पड़ाव है ,
है आत्ममंथन, अंत नहीं,
ज़माने  की बातों  से परे ,
आज हमको खबर हुई,
 क्या विराम का अर्थ है।। 

4 comments:

  1. बहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....

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  2. बहुत सुन्दर सृजन , आभार.

    कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर भी पधारने का कष्ट करें , आभारी होऊंगा

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  3. spelling mistake in the third line last word. Correct it.

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