Tuesday, March 23, 2010

शहीद

हँसते हँसते जिन्होंने यम-पाश गले लगा लिया,
हो खुद खामोश जिन्होंने इन्कलाब को सुर दिया,
जननी जन्म दे जिनको धन्य हुई,
जिनकी कर्म भूमि तीर्थ  हुई,
समय उनकी कुर्बानी कि छाप क्या मिटा पायेगा ,
बुलंदियों को छू जब वतन इठलाएगा,
अम्बर से ऊँचा जब तिरंगा लहराएगा,
तब भी खुदा कि इबादत करने को,
उनकी शहादत का नगमा पढ़ा जायेगा |

 घर घर में दादी नानी
गाथा गान करते नहीं थकती है,
सूर्य से अधिक तेज प्रताप, 
अम्बर से ऊँचा है मान,
स्मरण मात्र से सर फ़क्र से उठ जाता है,
खुद खुदा शीश नवाने समाधि पर आता है,
ऐसे वीरो की मातृभूमि पर,
जब कोई निराधम आँख उठाएगा,
ले नाम उनका बच्चा बच्चा
देश कि खातिर लड़ जायेगा|

2 comments:

  1. awesome man !!! bohat shandaar

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  2. great composition Rajpal ji !! kya likhte ho yar..I salute all Indian soldier!!

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