कोई सच कहे तो ज़माना टोकता है,
झूठ कहे तो अजब अफसाना होता है,
ख़ामोशी जाने क्या बयां कर जाती है,
किसी को दोस्ती का रस,
किसी को द्वेष का बोध कराती है ,
जाने जिंदगी क्या चाहती है|
झूठ कहे तो अजब अफसाना होता है,
ख़ामोशी जाने क्या बयां कर जाती है,
किसी को दोस्ती का रस,
किसी को द्वेष का बोध कराती है ,
जाने जिंदगी क्या चाहती है|
ज़माना कभी किसी का हुआ नहीं,
हर दिल को कभी किसी ने जीता नहीं,
खुद दुनिया बनाने वाला भी,
आधे जगत के लिए बुरा बन जाता है,
खुद खुदा पर भी ना रहम खाती है,
जाने जिंदगी किसकी साथी है |
मौत भी एक अजब राह है,
हर सवाल का जवाब बन जाती है,
इस पर हर उलझन सुलझ जाती है,
हर भलाई जीवन की आसूं बनती है,
और दुनियां में सिर्फ अर्थी के पीछे ही
हर जुबां से तारीफ सुनी जाती है|
जाने जिंदगी क्यूँ इतना इठलाती है|
जाने जिंदगी क्यूँ इतना इठलाती है|
यह दो राही ज़िन्दगी
हर मुस्कराहट चुरा ले जाती है
मौत के बाद ही
तोहफा ख़ुशी का दे पाती है |
जाने यह कैसी
जिंदगी की पहेली है |
मौत भी एक अजब राह है,
ReplyDeleteहर सवाल का जवाब बन जाती है,
इस पर हर उलझन सुलझ जाती है,
हर भलाई जीवन की आसूं बनती है,
और दुनियां में सिर्फ अर्थी के पीछे ही
हर जुबां से तारीफ सुनी जाती है|
जाने जिंदगी क्यूँ इतना इठलाती है|
waah, bahut hi badhiyaa
मौत भी एक अजब राह है,
ReplyDeleteहर सवाल का जवाब बन जाती है,
इस पर हर उलझन सुलझ जाती है,
हर भलाई जीवन की आसूं बनती है,
और दुनियां में सिर्फ अर्थी के पीछे ही
हर जुबां से तारीफ सुनी जाती है|
जाने जिंदगी क्यूँ इतना इठलाती है|
निशब्द करने वाली पंक्तियाँ हैं अखिलेश...... बहुत ही बढ़िया
अच्छी रचना ...
ReplyDeletebahut badia beta one of the best rachana of yours.
ReplyDeleteashirvad