क्या दुनिया की रीत है
कहाँ सच की जीत है
कौन है सबसे महान
कौन सबसे है बलवान
किसे सच का है ज्ञान
क्या है सबसे मूल्यवान
कहाँ सबसे अँधियारा है अँधेरा
है कहाँ सबसे सुन्दर सवेरा
कहाँ प्यार पनपता है
कहाँ सबसे तेज सूर्य चमकता है
किसके आगे नतमस्तक है भगवान्
अंतर में गूंजते यह सवाल|
कहाँ सच की जीत है
कौन है सबसे महान
कौन सबसे है बलवान
किसे सच का है ज्ञान
क्या है सबसे मूल्यवान
कहाँ सबसे अँधियारा है अँधेरा
है कहाँ सबसे सुन्दर सवेरा
कहाँ प्यार पनपता है
कहाँ सबसे तेज सूर्य चमकता है
किसके आगे नतमस्तक है भगवान्
अंतर में गूंजते यह सवाल|
बोले गुरु देख यह मंथन
समझ धारा के भावो को
समझ धारा के भावो को
जीवन के इन सवालों को
सबका है एक ही निदान
सबका है एक ही निदान
रुकता नहीं जो व्यवधानो से
तप से,ना कटारों से
सबसे प्रबल जिसका प्रहार
जिसकी गति बेमिसाल
जिसकी गति बेमिसाल
भाव मोह से परे की गाथा
यही है समय की परिभाषा|
यही है समय की परिभाषा|
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeletebahut acchee soch kee upaj hai ye kavita........
ReplyDeleteprabhavit kar gayee...
aabhar
प्रभावित करते भाव...बहुत सुंदर
ReplyDeleteNEHA..
ReplyDeleteBahut sunder chitran kiya aapne samay ka...
sunder evam rachnatmak racchna...:)
बहुत सुंदर परिभाषा दी.
ReplyDeleteघुघूती बासूती