बसंत कई बीत गए
हम तो बिना अपने मीत रहे
खुदा ने सबका साथी बनाया है
पर जाने कहाँ छुपाया है
अब तो दुआ है यही
जल्दी किसी से दिल कि प्रीत बने
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
पूर्णिमा के पूरण चंद की शीतल किरणे
अन्धयारी अमावस में तारों की अदभूत चमक
प्रथम प्रहर की वो शीतल पवन
ओस का वो तरुदल चुम्बन
देख यह नींद से अद्खुली आँखे
मनमीत की ही राह तके
दुआ है अब यही
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
हम तो बिना अपने मीत रहे
खुदा ने सबका साथी बनाया है
पर जाने कहाँ छुपाया है
अब तो दुआ है यही
जल्दी किसी से दिल कि प्रीत बने
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
सावन में मयूर के नाच से
कोयल कि मधुर कुक से
भंवरे के कली कोतुहल से
हिरन जोड़े स्वछंद विचरण से
प्रेम भरे इस मौसम में
कैसे अब शांत चित्त रहे
दुआ है यही की
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
पूर्णिमा के पूरण चंद की शीतल किरणे
अन्धयारी अमावस में तारों की अदभूत चमक
प्रथम प्रहर की वो शीतल पवन
ओस का वो तरुदल चुम्बन
देख यह नींद से अद्खुली आँखे
मनमीत की ही राह तके
दुआ है अब यही
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
तन्हाई चुभती नहीं,
सच कहे तो तनहा है भी नहीं ,
यार दोस्तों का दामन थामे,
ज़िन्दगी सिर्फ कट ही रही
बिन साथी के दिख ना कोई मंजिल रही
अब साथ हम-दम का हो
और कोई ज़ीने की जिद मिले
दुआ है बस यही
हमारा अफसाना भी अब प्रेमगीत बने
:haha !!! it reflects !!!
ReplyDeleteBhokal!!! IITK walon ki kahani ab Hindi mein..[:P]
ReplyDeletebahut pyaari kavita hai :)
ReplyDeletethanx didi
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